उज्जैन । उज्जैन दुर्गेश नंदिनी ,43 सरदारपुरा उज्जैन निवासी के रूप में निवास करती थी। वहीं डॉ नंदिनी शासकीय सेवा में रहते हुए डी. एम. ओ. जिला मलेरिया अधिकारी बुरहानपुर में पदस्थ थी दिनांक 22-2 -2017 को बुरहानपुर से उज्जैन आते वक्त सड़क हादसे में इंदौर के समीप दुखद निधन हो गया । उसके बाद डॉ नंदिनी की सारी चल अचल संपत्तियो के वारिस डॉ नंदिनी की मां लीलावती व परिवार के लोग बन गये। जबकि दुर्गेश नंदिनी की सारी चल अचल संपत्तियों का वैधानिक तौर पर मालिक डॉ दुर्गेश नंदिनी का पुत्र एवं पति एकमात्र वारिस होना थे । पूरी चल अचल संपत्ति के असली मालिक को पता ही नहीं चला और कूट रचित दस्तावेजों का उपयोग कर डॉ दुर्गेश नंदिनी की सारी संपत्ति का मालिक मां लीलावती और परिवार के अन्य सदस्यों ने बंदरबांट कर ली गई । डॉ दुर्गेश नंदिनी की मृत्यु के बाद उसकी सारी चल अचल संपत्ति पर पति डॉ कुंदन कुमार और पुत्र अपना हक जमाने पहुंचे तो सास लीलावती और परिवार के सदस्यों द्वारा उनके साथ मारपीट कर डाँ कुन्दन कुमार व पुत्र को चल अचल संपत्ति को दिए वहां से मारपीट कर भगा दिया गया ।डॉ कुंदन कुमार ने जिसकी शिकायत संबंधित थाना क्षेत्र में की गई थी जो आज पूरा मामला न्यायालय में विचाराधीन वहीं डॉ कुंदन कुमार का कहना है कि शादी के वक्त एवं शादी के बाद मैंने डॉ नंदनी को लगभग 15 लाख से अधिक के सोने चांदी के जेवर दिए थे जो बैंक के लॉकर में रखे गए थे वह सारे गहने भी बैंक लॉकर से कैसे निकाल लिए गए जिस एस.बी.आई.बैंक माधव नगर एसी नंबर अकाउंट 30057 883791 खाते से राशि निकाली गई 26-2 -2017 दस हजार 11-3-2017 को 500 के बाद 18-2-2017 को ₹5 पांच लाख निकाल लिए गए। यह सभी आरोपों के लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक उज्जैन को दिनांक 26-6-2019 को की गई पुलिस अधिकक्षक द्वारा मामले में जांच कराने का भरोसा दिलाया गया पर संबंधित थाना क्षेत्र के अधिकारियों द्वारा इस पूरे मामले में कोई कार्रवाई नहीं की नाम मात्र एफ.आई.आर. दर्ज कर पटक दी गई। इतना ही नहीं शिकायत के बाद भी एक और पोस्ट ऑफिस में भी डॉ नंदिनी शर्मा का खाता था उसमें से भी मोटी रकम आहरण कर ली गई डाँ कुंदन कुमार द्वारा आवेदन देने के बाद भी पोस्ट ऑफिस से नंदनी के परिवार द्वारा कैसे पैसे आहरण कर लिए गए जिसका खुलासा बैंक की बैलेंस शीट कर रही है। इस पूरे मामले की शिकायत डाँ कुन्दन कुमार द्वारा लिखित में माननीय पुलिस अधीक्षक महोदय के समक्ष पूरे मामले से अवगत कराकर शिकायत की गई है।
कूट रचित दस्तावेजों का किया उपयोग