उज्जैन।उज्जैन शहर के बीचोंबीच पोराणिक धरोहर को कैसे उज्जैन नगर निगम की देखरेख मे कुडेदान की तरह तब्दील कर दिया है । नगर निगम ने अभी हाल ही में क्षिर सागर तालाब में लगभग ₹80 लाख की लागत रिनोवेशन किया गया था। इस पौराणिक धरोहर में सप्त सागरों में क्षिर सागर भी सम्मिलित है उसके बाद भी इस पौराणिक धरोहर को उज्जैन नगर निगम के अधिकारियों द्वारा किस तरीके से कूड़ेदान में तब्दील कर रखा है इसकी ओर किसी भी निगम के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान नहीं है इसमें भी लाखों रुपए खर्च किए गए थे वहीं मध्यप्रदेश शासन द्वारा सप्त सागरों का जीर्णोद्धार विकास के लिए सिंहस्थ के समय ₹10 करोड़ खर्च कर सप्त सागरों सुंदरीकरण किया गया था। उसके बाद से शासन प्रशासन ने आज तक इनकी सुध नहीं ली गई है इसी वजह से शहर के मध्य पौराणिक धरोहर क्षिर सागर का आज जो हालत है वह अपने आप में कूड़ेदान में तब्दील हो गया है।इस क्षिर सागर तालाब के आसपास गंदगी कचरा पसरा हुआ पड़ा हुआ है। वही इसके आसपास के पाथवे पर शराब की बाटले पड़ी हुई देखी जा सकती है इससे साफ तौर पर यह साबित होता है इस तालाब को शाम के समय शराबी द्वारा मयखाने में तब्दील कर दिया जाता है इस ओर किसी भी अधिकारियों जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं है इसी वजह से यह पौराणिक धरोहर खंडहर में तब्दील होने जा रही है।
क्षीरसागर बना मयखाना।