उज्जैन । उज्जैन पौराणिक नगरी उज्जैयिनी के धार्मिक और पौराणिक महत्व के गया कोटा तर्पण तीर्थ का प्राकृतिक स्वरूप नष्ट करने तथा सिंहस्थ मेला क्षेत्र में प्रतिबंधित स्थाई निर्माण करने के विरुद्ध याचिकाकर्ता किशोर कुमार दग्दी द्वारा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के समक्ष लोकहित याचिका क्रमांक 6044 /2019 प्रस्तुत की गई थी। उच्च न्यायालय ने उपरोक्त लोकहित याचिका को एक निजी भूमि स्वामी शशि कुमार मीणा के हित में प्रायोजित याचिका बताकर न केवल याचिका दिनांक 29-03 -2019 को नीरस्त की अपितु याचिकाकर्ता पर निजी भूमि स्वामी के हित में लोकहित याचिका प्रस्तुत करने का आरोप लगाकर रु 25000 नेशनल डिफेंस फंड में जमा करने हेतु याचिकाकर्ता से वसूलने का आदेश कलेक्टर उज्जैन को दिया था याचिकाकर्ता तथा उसकी लोकहित याचिका का शपथ पत्रो से समर्थन करने वाले उज्जैन के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता समाजसेवी स्वर्गीय मदन लाल जी शर्मा के सुपुत्र गोपाल शर्मा तथा धार्मिक नेता एवं अधिवक्ता मोहनलाल पांडे तथा याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री सत्य नारायण पुरोहित ने माननीय उच्च न्यायालय के उस आदेश को अनुचित एवं अन्याय पूर्ण प्रदर्शित करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विशेष अनुमति याचिका सिविल क्रमांक 27170 /2019 प्रस्तुत करवाई।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री आर. एफ. नरीमन तथा श्री एस. रविंद्र भट्ट की खंडपीठ ने दिनांक 15 -11 -2019 को उच्च न्यायालय के याचिकाकर्ता की लोकहित याचिका को प्रायोजित याचिका मानने के मत को उचित ना मानकर निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता पर आरोपित रु 25000 की कास्ट के आदेश को निरस्त कर दिया याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्री सुजीत किशोर भट्टाचार्य जी एवं उनके सहयोगियों ने याचिका प्रस्तुत कर निशुल्क पैरवी की जिसके लिए याचिकाकर्ता ने आभार प्रदर्शित करते हुए यह निश्चय व्यक्त किया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लोकहित याचिका में न्याय दान तथा सिंहस्थ मेला क्षेत्र उज्जैन में याचिकाकर्ता की लोकहित याचिका पर ही दिनांक 12 -4 -2013 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने ही कलेक्टर उज्जैन को 3 माह में सिंहस्थ मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन के स्थान पर स्वयं मध्यप्रदेश शासन इस मेला क्षेत्र में स्थाई निर्माण गया कोटा तर्पण तीर्थ जैसे पवित्र सरोवर के अस्तित्व को संकट में डाल रहा है माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सलंग्न आदेश के आलोक में याचिकाकर्ता पुनः गया कोटा तीर्थ सहीत सिंहस्थ मेला क्षेत्र में माननीय सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश के आदेशों के विपरीत किए गए हैं एवं किए जा रहे अवैध निर्माणों के विरुद्ध न्यायालय रिट याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेगा।
याचिकाकर्ता की याचिका पर
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को निरस्त किया।