<no title>

कब हटेगें कब रुकेंगे सिंहस्थ मेला के अतिक्रमण।


उज्जैन। उज्जैन में मोती नगर के निजी भूमि पर हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जा कर 103 रहवासियों को घर बेघर कर दिया शासन प्रशासन ने क्योंकि उक्त भूमि भाजपा के पूर्व मंत्री के रिश्तेदार की होने की जन चर्चा है। इन्ही के द्वारा माननीय हाईकोर्ट के आदेश का पालन करवाया गया पर सिंहस्थ मेला क्षेत्र के 281 अतिक्रमण को हटाने के आदेश 1990 से 20 13 तक माननीय हाईकोर्ट इंदौर, मा. जबलपुर, माननीय सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली, के आदेशों  को जिला कलेक्टर द्वारा रद्दी की टोकरी में पटक दिए आखिर में 281 अतिक्रमण हटाने के इन आदेशों को मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने शासन प्रशासनिक तंत्र से अमल में लाने का आदेश कब जारी करेंगे । आखिर में सिंहस्थ आरक्षित पुरातत्व सुरक्षित भूमि जो कि पूर्व में घटिया तहसील के ग्राम भीतरी में आती थी उक्त 281 राजस्व अतिक्रमण की सूची घट्टिया तहसील से भूमि अब उज्जैन कस्बा में परिवर्तन करके भू माफियाओं को कांग्रेस भाजपा द्वारा बचाव किया जा रहा है ।सिंहस्थ पुरातत्व के रखवाले राजस्व अधिकारियों की फौज अतिक्रमण सिंहस्थ क्षेत्र से हटाना तो दूर की बात है हो रहे सिंहस्थ मेला क्षेत्र में रोज नित नए अतिक्रमण को रोकने की पहल भी नहीं की जा रही है। सिंहस्थ मेला क्षेत्र के अतिक्रमण नहीं हटाने को लेकर उज्जैन के तत्कालीन पांच कलेक्टरों पर अवमानना याचिका भी न्यायालय में प्रस्तुत की गई थी। पर गोलमाल जवाब देकर माननीय न्यायालय को भी गुमराह करके इतिश्री कर ली गई । इस सिंहस्थ मेला क्षेत्र के अतिक्रमण हटाने और रोकने के लिए मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री कमलनाथ पूरे मामले पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करें तभी संभव हो सकता है। वरना सरकार बने 1 वर्ष से अधिक समय बीत चुका है। सिंहस्थ  2016 में निर्माण, साधु-संतों, बाहर से आने वाले अतिथियों को मूलभूत सुविधा के नाम पर करोड़ों नहीं अरबों का घोटाला किया गया । जिसकी कांग्रेस  के नेताओं द्वारा खूब नौटंकी की गई जांच समिति बना दी गई उसी जांच समिति के सदस्य विधायक मंत्री बनकर सत्ता सुख भोग रहे। सिंहस्थ क्षेत्र के अतिक्रमण को लेकर एवं सिंहस्थ घोटाले को लेकर जब भी कोई मंत्री विधायक कांग्रेस का उज्जैन प्रवास पर आते हैं तो शहर के कलमकार उनसे यह सवाल जरूर करते हैं कि सिंहस्थ घोटाले की जांच का क्या हुआ। सभी का रटा रटाया जवाब रहता है कि जांच चल रही है । आखिर में यह जांच कब तक चलती रहेगी आखिर में यही हाल रहा तो जांच चलते चलते पूरे 5 वर्ष हो जाएगे और जांच चलती रहेगी और फिर चुनाव आ जाए और फिर कोई नया बहाना बना कर आम जनता को गुमराह करने वाली बात को चरितार्थ करते दिखाई देंगे । अधिकतर सिंहस्थ क्षेत्र में अतिक्रमण करने का काला खेल 2004 का सिंहस्थ जैसे ही संपन्न हुआ उसके बाद उज्जैन नगर पालिक निगम में भी नगर सरकार बनी और उसके ठीक 2008 के बाद में सिंहस्थ मेला क्षेत्र में भूमाफिया द्वारा अवैध कॉलोनी काटने का गोरखधंधा चालू हो गया जो आज तक अनवरत चालू है। सिंहस्थ मेला क्षेत्र की अवैध कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम मध्य प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री वर्तमान विधायक उज्जैन उत्तर द्वारा किया गया । सिंहस्थ मेला क्षेत्र में अवैध कॉलोनी काटने वाले विधायक छर्रे जो कल तक फटे हाल में अपनी सेवाएं देते थे आज करोड़पति हो गए। सिंहस्थ क्षेत्र की निजी भूमि के साथ-साथ सरकारी जमीनों पर भी कालोनियां बसादी उसी से हो गए भू माफिया मालामाल ।15 वर्षों तक भाजपा का शासन रहा और फिर इनको अवैधानिक कार्य करने से कौन रोक सकता है । मंत्री निगम सभापति के साथ-साथ सिंहस्थ की रखवाली करने के लिए भाजपा की सरकार ने एक मास्टर को राज्यमंत्री का दर्जा देकर सिंहस्थ की रखवाली के लिए चौकीदार नियुक्त कर दिया था । पर उक्त चौकीदार भी सिंहस्थ मेला क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण को रोकने के बजाय सिंहस्थ मेला क्षेत्र में अवैध कॉलोनी काटने वाले भू माफियाओं का संरक्षण दाता बन गया और जब से आज तक अनवरत सिंहस्थ मेला क्षेत्र में नियम कायदों को ताक में रखकर निगम से बिना नक्शा स्वीकृत करें सिंहस्थ आरक्षित क्षेत्र में नित नए-नए सीमेंट के बड़े-बड़े जंगल खड़े कर दिए गए हैं । मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार माफिया मुक्ति का संकल्प ले चुकी है जिनमें माइनिंग माफिया, शराब माफिया, मिलावट, सरकारी भूमियों पर कब्जा करने वाले भूमाफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया,फिरौती माफियाओं, के अलावा कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने  बार माफियाओं पर भी लगाम लगाई है। मध्य प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री कमलनाथ माफिया मुक्त प्रदेश बनाने की शुरुआत मध्य प्रदेश के महानगर इंदौर से की गई यहां वर्षों से मीडिया संस्थान की आड़ में अवैध कारोबार चलाने के आरोप लगाकर सं स्थान में ताला लगवाकर लगभग 63 महिलाओं को भी मुक्त कराया गया है। और उसके अवैध निर्माणो को भी  ध्वस्त कर दिया गया। मन्दसौर के पशुपतिनाथ मंदिर की  ₹250 करोड़ मूल्य की भूमि को ड्रग माफियाओं के चंगुल से मुक्त कराकर पशुपतिनाथ के नाम पर की गई वहीं मध्य प्रदेश की राजधानी में अवैध रूप से शराब नशीली दवाओं की बिक्री करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्यवाही की गई। वहीं भोपाल जिले में 19 स्थानों पर कार्रवाई कर माफियाओं से 53.46 हेक्टेयर  शासकीय भूमि पर कब्जे किए गए थे । जिसे मुक्त कराकर शासन ने कब्जा लिया है । इसी प्रकार से जबलपुर ग्वालियर में भी भू माफियाओं से 139 बीघा भूमि जो लगभग 15 सो  करोड रूपए की भूमियों को मुक्त कराई गई है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का हर जिले में भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी । पर उज्जैन के सिंहस्थ मेला क्षेत्र के भू माफिया पर कब कार्यवाही करेंगे सिंहस्थ आरक्षित पुरातत्व सुरक्षित क्षेत्र के भू माफिया पर कार्य वाही तो ठीक हैं। इस पूरे मामले की जानकारी शासन प्रशासन के अधिकारियों को होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होना कहीं ना कहीं मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री कमलनाथ के फरमान का इंतजार तो नहीं कर रहे हैं। राजस्व अधिकारी और निगम अधिकारियों की सिंहस्थ मेला क्षेत्र के आरक्षित भूमि जो कि पूर्व में घटिया तहसील के ग्राम भीतरी में थी उक्त भूमि अब पटवारी हल्का 37  उज्जैन कस्बा में कैसे इंद्राज हुई है । सिंहस्थ मेला क्षेत्र की आरक्षित सुरक्षित शासकीय भूमियों कि आज भी राजस्व अधिकारी के संरक्षण में खरीदी बिक्री की जा रही है भ्रष्टाचार के इस काले खेल में राजस्व अधिकारियों की फौज कर रही है राजस्व अध्यक्ष कलेक्टर को गुमराह आज भी राजस्व के सरकारी खातों में भूमि सरकारी हैं तो भूमि कैसे नीजि हो गई जवाब देना होगा कलेक्टर राजस्व अधिकारी को पूरा मामला उज्जैन नगर पालिक निगम के अंतर्गत झोन क्रमांक 1 के वार्ड क्रमांक 2 का है झोन कार्यालय के समीप की भूमि जो कि सरकारी खातों में उक्त भूमि सरकारी इंद्राज है तो भूमि निजी कैसे हो गई इस पूरे मामले की कलेक्टर जांच कराए तो और भी कई चौकाने वाले कृषि भूमि कांड का पटाक्षेप हो सकता है।


मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के मुखिया का बढ़ा आव्हान।


मध्य प्रदेश के जिले होंगे अतिक्रमण मुक्त।


सिंहस्थ मेला क्षेत्र के अतिक्रमण हटाने में कमलनाथ की चुप्पी क्यों।


पुरातत्व आरक्षित भूमि ज्ञान टेकरी पर काट दी अवैध कॉलोनी।


क्षेत्रीय विधायक मद से मूलभूत सुविधाएं कराई मुहैया।


 विधायक, निगम सभापति के संरक्षण में खड़े किए सिंहस्थ मेला क्षेत्र में सीमेंट कंक्रीट के जंगल।