बड़नगर तत्कालीन मंडी सचिव का सच

उज्जैन । उज्जैन जिले की बड़नगर तहसील में संचालित कृषि उपज मंडी समिति का तत्कालीन मंडी सचिव  सोनगरा द्वारा कैसे नियम विरुद्ध कार्य करवाएं एवं किए गए हैं । जिसमें से नियम विरुद्ध कार्य करना उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करना, व्यापारियों को परेशान करना, बिना एनओसी के माल की निकासी करना, बिना कृषको के भुगतान  किए माल निकासी करना, श्री आदेश्वर ट्रेडर्स द्वारा किए गए अनैतिक कार्य में सचिव एवं गेट प्रभारी श्री सतनारायण डोडिया की संदेहास्पद स्थिति जाहिर की गई थी । उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई बड़नगर अनाज व्यापारी संघ अध्यक्ष द्वारा यह पूरी शिकायत प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल को की गई है। उसके बाद भी आज तक कोई कार्रवाई दंडात्मक नहीं की गई । उल्टा मंडी सचिव सोनगरा को माधवराव सिंधिया कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन की  ए क्लास मंडी में मंडी सचिव बना कर ताजपोशी कर दिया गया है। कृषि उपज मंडी समिति बडनगर में सचिव पद पर हरगोविंद सोनगरा की पदस्थी अवधि में उनके द्वारा मण्डी नियमों को अनदेखा किया जाकर अपने व्यक्तिगत एवं आर्थिक लाभ अर्जित किया जाकर अपनी मात्र संस्था को चुना लगाया है। वही राजनीतिक दबाव के चलते व्यापारियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से परेशान करने का काम किया है यहां यह उल्लेखनीय है कि कृषि उपज मंडी समिति बडनगर द्वारा व्यापारियों को व्यापार सीमा उनकी आर्थिक क्षमताओं के मापदंड पर बडनगर अनाज व्यापारी संघ द्वारा निश्चित खरीदी के लिए जमानत दी जाती है उस सीमा तक सीमित रहती है इस पर प्रमुख रूप से नियंत्रण करता के रूप में मंडी सचिव बडनगर नियुक्त होता है कृषि उपज मंडी समिति बडनगर का व्यापारी प्रकाश चंद जैन प्रोप्राइट श्री आदेश्वर ट्रेडर्स बडनगर के संबंध में सचिव द्वारा यह नियंत्रण नहीं रखा गया की मंडी समिति में दलहन तिलहन का व्यापार करने वाले व्यापारियों की खरीदी बिक्री की तय सीमा क्या है  । इतना ही नहीं कृषको से खरीदी गई फर्म द्वारा कृषि उपज का  कृषको को भुगतान किए बगैर ही कृषि उपज मंडी समिति से कृषि उपज की निकासी करवा दी गई। इस पूरे मामले की शिकायत संयुक्त संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड आंचलिक कार्यालय उज्जैन द्वारा मण्डी कर्मचारियों को जारी नोटिस कारण बताओ सूचना पत्र  क्रमांक 423 दिनांक 3-5- 2019   के माध्यम से स्पष्टीकरण चाहा गया जिसका जवाब नहीं दिया गया। संयुक्त संचालक द्वारा जारी पत्रों को (ए.सी.एन. )के अनुसार त्रुटिकरता फर्म द्वारा दिनांक 13 -3-2019 से 19-3-2019 के बीच कृषको की उपज की खरीदी की गई जिसका भुगतान फर्म द्वारा नहीं किया गया।  कृषको की शिकायत के आधार पर यह जानकारी आंचलिक कार्यालय के जांच दल द्वारा जांच में पाई गई थी। मंडी सचिव द्वारा व्यापारी की लिमिट से अधिक खरीदी पर मंडी सचिव द्वारा अनदेखी की गई जिससे व्यापारी किसानों को चुना लगाकर फरार हो गया। आखिर में मंडी सचिव द्वारा संबंधित व्यापारी को ऐसी छूट अप्रत्यक्ष सहायता के रूप में जाहिर होती है। व्यापारी की फर्म श्री आदेश्वर ट्रेडर्स द्वारा कृषको को उनकी कृषि उपज का भुगतान न किए जाने और सचिव द्वारा अवैध रूप से कृषि उपज  निकासी में प्रत्येक अप्रत्यक्ष रूप से सहायता की गई। कृषकों की बकाया राशि के संबंध में सचिव हरगोविंद सोनगरा द्वारा बडनगर कृषि उपज मंडी अनाज व्यापारी संघ पर दबाव बनाकर कृषकों की बकाया राशि का भुगतान करने को कहा गया था ।जबकि इस पूरी प्रक्रिया में मंडी सचिव पूर्ण रूप से दोषी पाया गया है । जब व्यापारी की लिमिट 10 लाख तक के कृषि उपज खरीदी के लिए वचनबद्ध था तो व्यापारी की फर्म द्वारा कैसे 16 लाख रुपए की कृषि उपज की खरीदी कैसे कर ली गई । इस खरीदी में बिना मंडी सचिव की सहमति के खरीदी नहीं कर सकता था व्यापारी मंडी सचिव और व्यापारी आदेश्वर टे्डर्स की सांठगांठ से पूरे मामले को अमलीजामा पहनाया गया। जब व्यापारी की लिमिट 10 लाख तक का भुगतान बडनगर अनाज व्यापारी संघ जमानत कर्ता से करवाया जाना था तो उसके पूर्व जो माल जप्त करवाया गया उसके विक्रय से प्राप्त रुपये से भुगतान में प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी । एवं बिना अनुज्ञा एन.ओ.सी. कैसे जो माल की निकासी की गई उसके मूल्य की वसूली भी संबंधित अधिकारी कर्मचारियों से भी की जानी चाहिए । बडनगर अनाज व्यापारी संघ द्वारा इस संबंध में एक पत्र 8-4 -20 19 को आंचलिक कार्यालय संयुक्त संचालक उज्जैन एवं जिला कलेक्टर उज्जैन को शिकायती आवेदन के माध्यम से सूचित किया गया था परंतु किसी भी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस पत्र को ध्यान से देखा ही नहीं गया और कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की गई इससे सचिव और भी   निर्भीक हो गए । और नियम विरुद्ध व्यापारियों पर दबाव बनाकर अवैधानिक कार्यवाही करने लगे। बडनगर मण्डी  समिति मे पदस्थी अवधि के दौरान कई घोटाले, कर्मचारियों से अभद्रता, मण्डी कि आई में गोलमाल किया गया । इसमें से कई भ्रष्टाचार के बिंदुओं पर जांच तो हुई पर कार्यवाही आज तक नहीं हुई । कार्रवाई इसलिए भी नहीं होगी कि  तत्कालीन मंडी सचिव  सोनगरा  कृषि मंत्री के  करीबी  मूंह लगा होने के कारण उज्जैन से भोपाल तक  कार्रवाई करने  में  अधिकारी कतरा रहे हैं। मंडी सचिव सोनगरा लगभग 8 बिंदुओं की जांच में दोषी पाए गए उसके बाद भी इनको माधवराव सिंधिया कृषि उपज मंडी समिति से हटाया नहीं गया क्योंकि यह तो मध्यप्रदेश की ए क्लास मण्डी है ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को ए क्लास मंडी में बैठा ना शासन को कहीं ना कहीं नुकसान पहुंचाते हैं इनको यहां से तुरंत हटा कर किसी भी अन्य संभाग की  उप मंडियों में पदस्य किया जाए।