भारत हाउसिंग सोसायटी का सच

उज्जैन।उज्जैन भारत गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन के भ्रष्टाचार को लेकर शिकायतकर्ता मुकेश प्रधान आत्मा श्री राम बाबू प्रधान निवासी 129/2 अरिहंत विहार सुदामा नगर इंदौर द्वारा प्रदीप नाटक सहकारी निरीक्षक एवं प्राधिकृत अधिकारी भारत गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन के खिलाफ लोकायुक्त जांच प्रकरण क्रमांक 352/2018 शिकायत दर्ज कर जांच की गई। उक्त शिकायत भ्रष्टाचार निवारण जांच एजेंसी में की गई थी उनके द्वारा सहकारी सहकारी अंकेक्षण की एक टीम बनाकर जांच कर जांच प्रतिवेदन भ्रष्टाचार निवारण जांच एजेंसी को सौंपा जाना था। जिसमें जांचकर्ता अधिकारी के रूप में रघुवर पिपलाज अंकेक्षण अधिकारी, एन.के. राय वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक, पुरुषोत्तम सोनी सहायक एवं उप अंकेक्षण सहकारी संस्थाएं जिला उज्जैन, द्वारा जांच कर जांच प्रतिवेदन सौंपा गया था।
     भारत हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड उज्जैन के विभागीय प्रशासक एवं जांच अधिकारी एन.के. राय द्वारा करोड़ों के भ्रष्टाचार की शिकायत जांच हेतु प्रस्तुत की गई थी।  भारत हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड उज्जैन जोकि व्यापक शहर की विवादित संस्थाएं में गिनी जाती हैं विभागीय अधिकारी प्रशासक तथा जांच अधिकारी एन.के. राय ने मिलकर करोड़ों रुपए का जांच के नाम पर भ्रष्टाचार किया है। भारत हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड उज्जैन में प्राधिकृत अधिकारी प्रशासक ने लगभग 200 से अधिक भूखंडों का विक्रय अवैध रूप से किया है। जिसमें लगभग ₹10,करोड़ का गबन घोटाला हुआ है। जिसकी शिकायत करने पर प्रभारी अधिकारी प्रशासक को निलंबित कर दिया गया था। वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में हुए भारी भ्रष्टाचार की जांच हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला उज्जैन ने अपने आदेश क्रमांक गृह निर्माण/ 2018/ 2134/ दिनांक 24 -11 -2018 पत्र क्रमांक गृह निर्माण /2018/ 2170/दिनांक 7 -12- 2018 एवं आदेश क्रमांक गृह निर्माण /2018/ 2223 दिनांक 22- 12- 2018 के माध्यम से एन.के. राय के नेतृत्व में एक जांच दल गठित किया गया किंतु उक्त जांच दल के प्रमुख एन.के. राय ने प्रभारी अधिकारी प्रशासक प्रदीप नाहटा थे लाखों रुपए की घूस खाकर त्रुटि पूर्ण जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जांच दल के प्रमुख एन.के. राय ने संस्था की सार्वजनिक एवं कमर्शियल भूमि (पी.एस.पी) रकबा 472.  50 वर्ग मीटर के विक्रय पत्र दिनांक 26- 3- 2014 तथा सार्वजनिक हित की भूमि दिनांक 29-3- 2014 को अवैधानिक तरीके से नाम मात्र मूल्य पर बिक्रीकर रजिस्ट्री निष्पादित कर दी गई । जबकि उक्त भूमि का बाजार मूल्य ₹6 करोड़ से अधिक था । उक्त भूमि विक्रय करने में भारी भ्रष्टाचार नजर आ रहा है जांच दल के प्रमुख एन.के. राय ने पूरा जांच प्रतिवेदन में उक्त वर्णित भूमि के नाम मात्र की कीमत पर अवैधानिक विक्रय के संबंध में कोई टीप नहीं दी है। और लाखों रुपए लेकर दोषी कर्मचारियों को बचाया है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि जांच दल का प्रमुख एन.के. राय स्वयं भ्रष्टाचार में लिप्त है संस्था का संचालक मंडल भंग किया जाकर प्रभारी अधिकारी विभाग ने नियुक्त किया था । विभागीय अधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी ने संस्था के लगभग 50 भूखंडों तथा सार्वजनिक एवं कमर्शियल भूमि (पीएसपी) की भूमि का विक्रय करने की अनुमतियाँ वर्ष 2010- 11 में ली गई थी। तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता जिला उज्जैन द्वारा वर्ष 2012 में संस्था को समापन में डाल दिया गया फिर भी प्रदीप नाहटा प्रभारी अधिकारी की हैसियत से विक्रय पत्रों का निष्पादन करते रहे । परी समापन वर्ष 2012 के बाद सभी विभागीय अनुमतियाँ स्वतः ही निरस्त हो गई थी, परंतु जांच दल द्वारा इस पर कोई भी टीप नहीं देकर दोषियों को बचाया है। इस प्रकार स्पष्ट है कि जांच दल ने संस्था के भूखंडों का विक्रय सदस्यों को करने तथा संस्था के समापन में आने के बाद भी ली गई फर्जी अनुमतियों के आधार पर अवैध विक्रय पत्र निष्पादित किए गए जांच दल ने 75 से अधिक विक्रय पत्रों के निष्पादन के संबंध में कार्यालय पंजीयक एवं मुद्रांक जिला उज्जैन के कार्यालय में सर्च नहीं करना अन्य विक्रय पत्रों के संबंध में खोज भी नहीं कर जांच कार्यवाही में भारी लापरवाही अनियमितताएं की है । जांच दल के प्रमुख एन.के.राय दोषी कर्मचारियों को बचाने का कार्य किया है। इस संपूर्ण मामले की शिकायत लोकायुक्त संगठन में भी की गई थी । जिसमें जांच दल को दोषी पाया जांच दल ने दोषी कर्मचारियों को क्लीन चिट देकर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया । कार्यालय आयुक्त एवं पंजीयक सहकारिता के मुख्यालय स्तर पर जांच दल के सदस्यों के आचरण जांच कराई जाना अत्यंत आवश्यक है। भारत हाउसिंग सोसायटी के दोषी प्रभारी अधिकारी जो कि समस्त जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी कार्यवाही नहीं की गई । भारत हाउसिंग सोसायटी जांच अधिकारी राय ने 20 पूर्व जांच की जिसके विरुद्ध भी कोई कार्यवाही नहीं की गई भारत हाउसिंग सोसायटी के पूर्व प्रभारी अधिकारी प्रदीप मेहता जो कि समस्त जांच में दोषी पाए गए हैं उसके बाद भी नौकरी पर बहाल किया गया है जबकि यह निलंबित तथा इनको बरखा नहीं करते हुए पुणे उसी जगह पदस्थ कर दिया गया है भारत हाउसिंग छोकरी सोसाइटी के खिलाफ मुकेश प्रधान इन्दौर द्वारा शिकायत लोकायुक्त संगठन भोपाल में की गई थी जिसमें करोड़ों के घोटाले उजागर हुए लोकायुक्त में शिकायत होने के बाद सहकारिता विभाग उज्जैन द्वारा जांच समिति बनाकर जांच कराई गई उक्त जांच समिति में यह अधिकारी प्रमुख रूप से थे एनके राय पुरुषोत्तम सोनी रघुराज पीपला द्वारा जांच कर जांच में प्रदीप नाहटा को दोषी पाया गया लाखों रुपए की राशि सदस्यों से लेकर फेसबुक में जमा नहीं कराई गई जिसका भी दोषी पाया गया उसके बाद भी जांच दल का प्रमुख एनके राय ने लाखों लेकर क्लीनचिट दे दी गई इसी आधार पर निलंबित सहकारिता कर्मचारी प्रदीप नाहटा कों रजिस्ट्रार द्वारा बहाल कर पदस्थ कर दिया गया । सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह द्वारा सहकारिता गृह निर्माण समितियों के माध्यम से की गई जमीनों की बंदरबांट में लगे दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की जाएगी यहां यह उल्लेखनीय है कि ईमानदारी का नगाड़ा बजाने वाली कमलनाथ सरकार दोषियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई करती है या फिर वही पिछली सरकार के भ्रष्ट अधिकारीयो को हटाने की बजाय उनको भ्रष्टाचार करने के लिये पदस्थ कर रखे है । पूर्व मंत्रियों के संरक्षण प्राप्त कर फिर से लेकर प्रकरण समाप्त कर जांच ठंडे बस्ते में डाल दी जाएगी।