शिकायत वापस ,शिकायत कर्ता,व जांच कर्ता अधिकारीयो में भारी लेनदेन

उज्जैन । उज्जैन सहकारी निरीक्षक एवं प्राधिकृत अधिकारी भारत गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन की शिकायत जांच प्रकरण क्रमांक 352/2018 विरुद्ध प्रदीप नाहटा की शिकायत भ्रष्टाचार को लेकर मय प्रमाण की गई थी।  वही शिकायतकर्ता मुकेश प्रधान निवासी इन्दौर द्वारा परी समापक भारत गृह निर्माण सहकारी संस्था उज्जैन के विरुद्ध भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत आवेदन लोकायुक्त भोपाल में दर्ज कराई गई। उक्त शिकायत की जांच कर जांच प्रतिवेदन मई प्रमाणिक दस्तावेज एवं स्पष्ट अभिमत सहित प्रस्तुत करने हेतु प्रथम संदर्भित आदेश द्वारा रघुवर पीपलाज अंकेक्षण अधिकारी को अधिकृत किया गया था ।उक्त जांचकर्ता कार्य में सहयोगी हेतु बी.जी. व्यास वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक को सहायक नियुक्त किया गया पर बी.जी. व्यास के अवकाश पर होने के कारण एक और प्रति आदेश जारी कर जांच कार्य में सहयोग हेतु एन.के. राय एवं पुरुषोत्तम सोनी अंकेक्षण को अधिकृत किया गया था। अब यहां से भ्रष्टाचार की शिकायत का सिलसिला चला शिकायतकर्ता मुकेश प्रधान निवास इन्दौर को दिनांक 30 -11 -2018 को कथन हेतु सूचना पत्र जारी किया गया एवं दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु दिनांक 3- 12-2019 को मुकेश प्रधान नियत दिनांक को जांचकर्ता अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए। जांचकर्ता अधिकारियों द्वारा पुनः दिनांक 5-1-2019 को सूचना पत्र जारी कर कथन हेतु दिनांक 10-1-2019 को बुलाया गया इस दरम्यान मामले में सेटिंग हो गई। और मुकेश पिता रामबाबू प्रधान द्वारा दिनांक 10-1-2019 को जांचकर्ता अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होकर अपने कथन दर्ज कराए गए एवं मुकेश प्रधान शिकायतकर्ता ने बताया कि उक्त शिकायत मैंने अपने मित्रों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों/रिकार्ड के आधार पर लोकायुक्त भोपाल में शिकायत दर्ज कराई गई थी जब शिकायतकर्ता को जांच अधिकारी द्वारा संस्था में उपलब्ध दस्तावेजों रिकॉर्ड का अवलोकन कराने मात्र से शिकायतकर्ता संतुष्ट हुआ एवं मेरी भ्रांतियां दूर हो गई है । मैं अब मेरे द्वारा लोकायुक्त संगठन भोपाल को की गई शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता हूं। शिकायतकर्ता द्वारा अपने कथन में यह भी बताया कि मेरे द्वारा प्रदीप नाहटा के विरुद्ध की गई शिकायत में वापस लेता हूं शिकायत खारिज की जाना उचित होगा। शिकायतकर्ता मुकेश प्रधान द्वारा जांच अधिकारी पीपलाज, व्यास, राय, सोनी द्वारा शिकायतकर्ता को मोटी रकम का लेन-देन कर जांच वापस करने जैसे बयान दर्ज कर लिए गए। पर इस पूरे मामले में जिस भ्रष्टाचार निवारण जांच एजेंसी में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी वह शिकायत जांच अधिकारियों के समक्ष झूठी साबित कैसे हो गई। क्या आप भ्रष्टाचार निवारण जांच एजेंसी लोकायुक्त करोड़ों के भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता मुकेश प्रधान पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है क्यों शिकायतकर्ता मुकेश प्रधान को अभयदान दे रही हैं जब भ्रष्टाचार के संपूर्ण दस्तावेजों को आधार बनाकर शिकायत जांच 352/2018 विरुद्ध प्रदीप नाहटा सहकारी निरीक्षक एवं प्राधिकृत अधिकारी अधिकारी भारतगृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन को लेकर शिकायत की गई थी शिकायतकर्ता और जांचकर्ता अधिकारियों की मिलीभगत से उक्त करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच में आंच का खेल कर इतिश्री कर ली गई।


भारत गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन, एवं प्रदीप नाहटा सहकारी निरीक्षक के खिलाफ लोकायुक्त में हुई थी जांच पंजीबद्ध।


शिकायतकर्ता मुकेश प्रधान बीका,जांच करता अधिकारियों के हाथों।


 शिकायत वापस, लोकायुक्त करेगी क्या शिकायतकर्ता मुकेश प्रधान पर कार्रवाई।